अजय हो

मेरे देश रक्षा हित तेरी रणबांकुरे खड़े
आंधी हो या तूफान हैं फौलाद से अड़े
दुश्मन का इक कदम भी तेरी ओर, गर बढ़े
शिव रूप धर ,दुश्मन का सर ,अर्पित तुझे करें
हे मेरे देश जय तेरी, जय जय ,तेरी जय हो
तेरा रूप रंग गंध सलामत हो ,अजय हो।।
लक्ष्मी हो अबक्का हो जीजा मां हो या पन्ना
दुर्गा बनी काली भी, तेरी शान की खातिर
कदमों में तेरे कर दिया सर्वस्व निछावर
संतान तक दी वार, तेरी आन की खातिर
हे मेरे देश जय तेरी,जय जय,तेरी जय हो।
तेरा रुप रंग गंध सलामत हो,अजय हो।।