अजय हो
मेरे देश रक्षा हित तेरी रणबांकुरे खड़ेआंधी हो या तूफान हैं फौलाद से अड़ेदुश्मन का इक कदम भी तेरी ओर, गर बढ़ेशिव रूप धर ,दुश्मन का सर ,अर्पित तुझे करेंहे मेरे देश जय तेरी, जय जय ,तेरी जय होतेरा रूप रंग गंध सलामत हो ,अजय हो।।लक्ष्मी हो अबक्का हो जीजा